नाबालिक लड़की को Petrol डालकर ज़िंदा जलाया – ओडिशा | इंसानियत को शर्मसार करती घटना
Minor girl in Odisha burned alive with petrol by rejected lover, horrific crime sparks outrage and demands for stricter protection laws.
एक मासूम पर जुल्म की इंतिहा – ओडिशा की दिल दहला देने वाली घटना
भारत में महिलाओं के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। लेकिन ओडिशा से सामने आई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया।
एक 15 साल की नाबालिक लड़की को उसके ही गांव के युवक ने Petrol डालकर ज़िंदा जला दिया, सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने दोस्ती का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
यह घटना न केवल कानून और व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि एकतरफा प्यार जब जुनून बन जाए, तो वह किस हद तक जा सकता है।
घटना कहां और कब हुई?
यह खौफनाक वारदात ओडिशा के बरगढ़ जिले के अटाबिर थाना क्षेत्र की है।
घटना 1 जुलाई 2025 की है। पीड़िता स्कूल से वापस अपने घर लौट रही थी, जब आरोपी युवक ने सुनसान जगह में उसे रोका।
Petrol डाला और आग लगा दी
आरोपी युवक, जिसकी उम्र लगभग 20 वर्ष है, लड़की से एकतरफा प्रेम करता था। कई बार उसने लड़की को परेशान किया और दोस्ती की जबरदस्ती की। लड़की और उसके परिवार ने उसकी हरकतों को नजरअंदाज़ किया, सोचकर कि वह सुधर जाएगा।
लेकिन उस दिन युवक ने एक बोतल में Petrol लेकर लड़की पर उंडेल दिया और माचिस से आग लगा दी।
चंद सेकंड में लड़की आग की लपटों में घिर गई।
पास के खेत में काम कर रहे लोगों ने शोर सुना और दौड़कर लड़की को बचाया। लेकिन तब तक उसकी 90% बॉडी जल चुकी थी।
अस्पताल में ज़िंदगी और मौत की जंग
लड़की को तुरंत बरगढ़ जिला अस्पताल ले जाया गया, जहाँ से उसे भुवनेश्वर के SUM अस्पताल में रेफर किया गया।
डॉक्टरों ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन दो दिन बाद, 3 जुलाई को लड़की की मौत हो गई।
मरने से पहले, लड़की ने पुलिस को अपना बयान दिया, जिसमें उसने साफ तौर पर आरोपी का नाम लिया।
आरोपी की गिरफ्तारी और पुलिस का बयान
पुलिस ने आरोपी युवक को उसी दिन गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से Petrol की खाली बोतल, माचिस और जली हुई शर्ट भी बरामद की गई।
एसपी बरगढ़ ने मीडिया को बताया:
“यह अपराध पूरी तरह से सोची-समझी साजिश थी। आरोपी ने लड़की को जलाने का प्लान पहले ही बना लिया था।”
पुलिस ने आरोपी पर IPC की धारा 302 (हत्या), 354D (स्टॉकिंग), और POSCO एक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
सोशल मीडिया पर आक्रोश
जैसे ही यह खबर वायरल हुई, सोशल मीडिया पर लोगों ने गुस्सा जाहिर किया।
#JusticeForOdishaGirl, #StopAcidAndBurnAttacks, और #ProtectOurGirls जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
कई एक्टिविस्ट्स और सेलेब्रिटीज़ ने ट्वीट कर सरकार से सवाल पूछे —
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आखिर कब तक लड़कियाँ सड़कों पर सुरक्षित नहीं रहेंगी?
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एकतरफा प्यार की सज़ा मौत क्यों बनती जा रही है?
परिवार की मांग – फांसी हो
पीड़िता के माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“हमारी बेटी ने किसी का क्या बिगाड़ा था? अगर उसे इंसाफ नहीं मिला, तो हम खुद को आग लगा लेंगे।”
उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाकर आरोपी को जल्द से जल्द फांसी दी जाए।
क्या सिखाती है यह घटना?
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सेल्फ डिफेंस शिक्षा जरूरी है – लड़कियों को कम उम्र से ही आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।
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स्टॉकिंग को गंभीरता से लें – एकतरफा प्रेम और पीछा करना अपराध है, इसे नजरअंदाज न करें।
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समय पर पुलिस में शिकायत करें – अगर कोई बार-बार परेशान कर रहा हो, तो FIR ज़रूर कराएं।
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जागरूकता बढ़ाएं – गांवों में महिलाओं की सुरक्षा और कानूनी अधिकारों को लेकर सेमिनार्स और ट्रेनिंग होनी चाहिए।
ओडिशा की यह घटना सिर्फ एक नाबालिक लड़की की हत्या नहीं थी, यह समाज की असंवेदनशीलता और व्यवस्था की लापरवाही की भी गवाही है।
जब तक हर लड़की को उसके घर से लेकर स्कूल तक सुरक्षा नहीं मिलती, तब तक ये घटनाएं दोहराई जाती रहेंगी।
अब वक्त है बदलाव का, और वो बदलाव सोच में, कानून में और शिक्षा में होना चाहिए।
