Etawah संघर्ष: यादव बनाम ब्राह्मण टकराव से Village में मचा हड़कंप
Etawah, Uttar Pradesh — एक मामूली सी बहस ने दो प्रभावशाली जातियों — यादव और ब्राह्मण — के बीच भीषण संघर्ष का रूप ले लिया। यह घटना भूरा खेड़ा Village की है, जहां पिछले तीन दिनों से तनाव की लहर फैली हुई है।
यह मामला सिर्फ दो परिवारों का नहीं था — यह जातीय प्रतिष्ठा, राजनीतिक दखल और कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था का खतरनाक मेल है।
झगड़े की शुरुआत कैसे हुई?
24 JUNE 2025 की सुबह Village के स्कूल में एक खेल प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। बच्चों के बीच सामान्य प्रतिस्पर्धा के दौरान एक ब्राह्मण लड़के ने यादव समुदाय के लड़के को कथित रूप से धक्का दे दिया। बच्चों की इस छोटी सी नोकझोंक ने दोपहर तक बड़ा रूप ले लिया, जब दोनों परिवारों के बीच स्कूल के बाहर बहस और गाली-गलौच हुई।
शाम होते-होते यह मामला जातीय रंग ले चुका था। Village के बड़े-बड़े नेताओं की एंट्री हुई और उन्होंने शांत कराने के बजाय माहौल को और भड़काया।
हिंसा की चिंगारी
रात लगभग 11:30 बजे कुछ लोगों ने — जो कथित रूप से यादव समुदाय से थे — ब्राह्मण परिवार के घर पर हमला कर दिया। पत्थरबाज़ी, तोड़फोड़, और मारपीट हुई। जवाब में अगली सुबह ब्राह्मण युवाओं ने यादव टोले पर धावा बोल दिया।
पुलिस को समय पर सूचना मिलने के बावजूद घटनास्थल पर पहुँचने में देर हुई, जिससे हालात बिगड़ते चले गए।
Village में कई दुकानें जला दी गईं, दो गाड़ियां आग के हवाले कर दी गईं और कम से कम पाँच लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। एक बुजुर्ग व्यक्ति की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है।
Police की कार्रवाई
Etawah पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ कुल 15 लोगों पर FIR दर्ज की है। अब तक 10 गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं। Village में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।
एसएसपी Etawah -Anil Kumar Singh ने कहा:
“हम निष्पक्ष कार्रवाई करेंगे, और जो भी कानून व्यवस्था बिगाड़ेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
राजनीति की Entry
घटना के तुरंत बाद राजनीतिक दलों की बयानबाज़ी शुरू हो गई। यादव नेताओं ने प्रशासन पर पक्षपात का आरोप लगाया, जबकि ब्राह्मण नेता इसे राजनीतिक साजिश बता रहे हैं।
BJP, BSP और SP नेताओं ने एक-दूसरे पर दोष डालना शुरू कर दिया, और सोशल मीडिया पर जातीय नफरत भरे पोस्ट वायरल होने लगे।
Village की जनता की हालत
Village में डर और तनाव का माहौल है। स्कूल बंद हैं, बाजार अधखुले हैं, और गलियों में सन्नाटा पसरा है।
स्थानीय शिक्षक रामकिशोर पांडे ने कहा:
“ये झगड़ा बच्चों का नहीं था, ये पुरानी जातीय खाई का विस्फोट है।”
सुनिता देवी, जो तीन बच्चों की माँ हैं, बोलीं:
“हमें जात-पात से कुछ नहीं लेना। हमें बस शांति चाहिए। हमारे बच्चे डरे हुए हैं।”
आगे क्या होगा?
जिला प्रशासन ने दोनों समुदायों के बुजुर्गों की बैठक बुलाई है। कुछ सामाजिक संगठन और NGOs भी सुलह कराने की कोशिश में लगे हैं।
पुलिस मोबाइल लोकेशन, वीडियो फुटेज और कॉल रिकॉर्ड खंगाल रही है। रात के समय Village में कर्फ्यू जैसी स्थिति बनी हुई है।
Etawah की यह घटना एक चेतावनी है — जातीय संघर्ष भले छिपा रहे, पर जब फूटता है तो पूरी व्यवस्था को झकझोर देता है।
अब वक्त है कि Village , समाज और राजनीति जातीय नफरत से ऊपर उठकर इंसानियत को बचाए — वरना अगली आग किसी और Village में लग सकती है।
NOTE : यह लेख केवल सत्य घटनाओं पर आधारित है। कृपया इसे पढ़कर शांति का संदेश फैलाएं, नफरत नहीं।