EK REPORTER OR EK VILLAGE

ARAV एक युवा पत्रकार था, जिसे हमेशा सच्चाई की तलाश रहती थी। एक दिन उसे एक इंटरनेट Article में एक किस्सा दिखा — "Shivpur गाँव में एक लड़की हर पूर्णिमा को सफेद साड़ी में, हाथ में मोमबत्ती लेकर एक पुरानी हवेली के पास घूमती है।"




लोग कहते थे कि वो आत्मा है। कुछ कहते थे कि वो न्याय चाहती है, और कुछ कहते थे कि जो उसे देख ले, वो कभी वापस नहीं आता।

ARAV ने इसे अफवाह नहीं, एक रिपोर्टिंग का मौका समझा — और पहुँच गया Shivpur 


हवेली की पहली रात 

गाँव वाले डरे हुए थे। उन्होंने चेतावनी दी — "हवेली में मत जाना बाबूजी, वहाँ मौत रहती है।"

पर आरव डरा नहीं।

रात के लगभग 2 बजे, हवेली से धीमी मोमबत्ती की रोशनी बाहर आई। आरव ने अपनी आंखों से देखा — एक लड़की, सफेद साड़ी, झुकी हुई गर्दन, जलती मोमबत्ती… हवा में तैरती सी, जमीन को छुए बिना चलती हुई।

जैसे ही वो सीढ़ियों की तरफ बढ़ी — उसकी मोमबत्ती बुझ गई… और वो गायब हो गई।


🔥 MAYA – अधूरी आत्मा की कहानी

गाँव के पुजारी ने बताया कि वह लड़की थी MAYA— जमींदार की बेटी, जिसे गाँव के कुछ लड़कों ने हवेली में बंद कर जला दिया था। उस वक़्त उसके हाथ में एक मोमबत्ती थी।

तब से हर पूर्णिमा की रात, वो मोमबत्ती लेकर लौटती है — अधूरी, जलती हुई, न्याय के लिए।


DUSRI RAT – SIDHA SAMNA

आरव ने हवेली के अंदर जाकर आत्मा को कैमरे में कैद करना चाहा। पर इस बार माया सिर्फ दिखी नहीं — बोली।

उसकी आँखों से खून बह रहा था। उसने कहा,
"मुझे क्यों रोका...? अब तू भी अधूरा रहेगा..."

आरव बेहोश हो गया और मंदिर में आंख खुली। यह अनुभव इतना डरावना था कि उसे लगने लगा, माया बस आत्मा नहीं, कोई चेतावनी थी।


 वापसी और नया रहस्य

कुछ महीने बीत गए। आरव अब दिल्ली लौट चुका था, लेकिन चीजें सामान्य नहीं थीं।

हर रात, किसी अनजान नंबर से वीडियो कॉल आता, जिसमें वही मोमबत्ती, वही हवेली, और दीवार पर खून से लिखा एक शब्द — "लौट आओ..."

आरव समझ चुका था कि माया की आत्मा अब भी शांत नहीं हुई थी — और शायद उसने आरव को चुना था

नेहा (एक पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर), रितिक (टेक एक्सपर्ट), और आरव वापस शिवपुर पहुँचे। हवेली तोड़ दी गई थी, लेकिन माया अब जंगल में दिखाई देती थी।


जंगल और आत्मा का साया

जंगल में उन्हें एक पुराना कुआं मिला। वहाँ से आवाज आई:
"मुझे जलाया गया... पर मैं अब भी जल रही हूँ…"

विवेक, जो साथ आया था, अचानक गायब हो गया। सिर्फ़ उसका कैमरा मिला — आखिरी फ्रेम में एक मोमबत्ती और एक जलता हुआ हाथ।

नेहा ने बताया कि माया की आत्मा अब जगह बदल सकती है, और इंसानों में प्रवेश कर सकती है।


ARAV– अब सिर्फ इंसान नहीं

NEHA और रितिक ने देखा कि आरव बदल चुका है। उसके कमरे में उल्टी जलती मोमबत्तियाँ, और आंखों में अजीब चमक थी।

ARAV:
"कुछ आत्माएं सिर्फ मुक्ति नहीं चाहतीं… वो विरासत छोड़ना चाहती हैं।"

अब ये साफ था — माया अब आरव के भीतर थी।


मुक्ति या विरासत?

नेहा ने जंगल में आत्मा को निकालने के लिए "Spirit Binding Circle" बनाया। वहां आरव और माया का सामना हुआ।

NEHA:
"माया, अब तेरा बदला पूरा हो चुका है, इस शरीर को छोड़ दे।"

ARAV/MAYA:
"मुझे बदला नहीं चाहिए था… मुझे याद रखा जाना था।"

आरव ने खुद को आग में झोंक दिया — ठीक वैसे ही जैसे माया जली थी। आत्मा की चीखें, जलती हवेली की छाया और फिर — सन्नाटा।


क्या अंत वाकई अंत था?

सुबह जंगल शांत था। राख में सिर्फ़ एक अधजली मोमबत्ती पड़ी थी — उस पर लिखा था:
"मुक्ति"

नेहा ने उसे एक संग्रहालय में सौंप दिया।

पर कुछ रातों बाद, संग्रहालय का गार्ड बोला:
"मैडम, हर रात 2 बजे ये मोमबत्ती अपने आप जल जाती है…"



Candle Light Girl एक डरावनी कहानी नहीं, बल्कि आत्मा की विरासत की कहानी है। माया की आत्मा ने सिर्फ़ बदला नहीं लिया, उसने खुद को अगली पीढ़ियों में जिंदा रखा।

कुछ आत्माएं जलकर मरती नहीं…
वो मोमबत्ती बन जाती हैं — जो हर रात खुद जल उठती हैं।