हर पूर्णिमा की रात शिवपुर गाँव की हवेली में दिखाई देती है एक मोमबत्ती लिए लड़की — सफेद साड़ी में लिपटी, खामोश, लेकिन खतरनाक। पढ़िए Candle Light Girl की इस डरावनी और रहस्य से भरी कहानी को, जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी।
👻 Candle Light Girl कौन है?
भारत में कई गाँव ऐसे हैं जहाँ परंपराओं के साथ-साथ रहस्य भी जीवित हैं। शिवपुर ऐसा ही एक गाँव है जहाँ एक पुरानी हवेली में हर पूर्णिमा की रात एक लड़की दिखाई देती है
— Candle Light Girl। कहा जाता है कि वो एक आत्मा है, जो मोमबत्ती के साथ भटकती है और जिसे देखना मौत को दावत देना है।
🕵️♂️ पत्रकार आरव की जिज्ञासा
आरव एक युवा पत्रकार था, जो अजीब और अनसुलझे किस्सों पर रिपोर्टिंग करता था। उसे जब इस लड़की के बारे में पता चला, तो वह मौका नहीं चूका। उसने तय किया कि वो इस रहस्य से पर्दा उठाएगा। कैमरे, रिकॉर्डर और हिम्मत के साथ वो शिवपुर जा पहुँचा।
गाँव वाले डरे हुए थे। उन्होंने चेतावनी दी, "वो लड़की नहीं, शाप है!" लेकिन आरव नहीं रुका।
🏚️ पहली रात – परछाईं का पहला दीदार
आरव ने हवेली के पास डेरा डाल दिया। रात 2 बजे — हवेली की खिड़की से धीमी रोशनी निकली। वहाँ खड़ी थी एक लड़की — सफेद साड़ी, खुले बाल, और हाथ में जलती मोमबत्ती। उसका चेहरा स्पष्ट नहीं दिखा, लेकिन उसकी आँखों की चमक में सैकड़ों कहानियाँ दबी थीं।
आरव ने वीडियो रिकॉर्ड किया, लेकिन जैसे ही उसने नज़दीक जाने की कोशिश की — वो मोमबत्ती बुझ गई और लड़की गायब।
🔥 अधूरी आत्मा की दास्तान
गाँव के पुजारी ने बताया कि पचास साल पहले इस हवेली में माया नाम की लड़की रहती थी। कुछ लड़कों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया और उसे हवेली में बंद करके आग लगा दी — उस समय उसके हाथ में एक मोमबत्ती थी।
माया की आत्मा तब से हर पूर्णिमा को उसी मोमबत्ती के साथ लौटती है — जैसे किसी अधूरे काम की तलाश में हो।
🩸 दूसरी रात – डर की पराकाष्ठा
इस बार आरव ने खुद को हवेली में छुपा लिया। रात को फिर वही लड़की आई। वो हवा में तैरती सी उसके पास आई। उसकी आँखों से खून बह रहा था, और उसने कहा:
"मुझे क्यों देखा...? अब तुम भी मेरे जैसे बनोगे..."
हवा ठंडी हो गई, कमरे की सभी मोमबत्तियाँ अपने आप जल गईं, और आरव बेहोश हो गया।
जब सुबह उसकी आँखें खुलीं, वो मंदिर में था।
🧘♂️आत्मा को मुक्ति देना
आरव ने दिल्ली लौटकर माया की कहानी अखबार में छापी। कई संस्थाएँ सक्रिय हुईं और उस हवेली को गिराकर वहाँ एक माया स्मारक और स्कूल बनवाया गया।
अगली पूर्णिमा को पहली बार गाँव में कोई परछाईं नहीं दिखी। शायद आत्मा को शांति मिल गई थी।
🧟क्या वाकई आत्मा चली गई?
एक रात आरव अपने कमरे में बैठा था। बिजली चली गई। और लैपटॉप स्क्रीन में उसे फिर वही परछाईं दिखाई दी।
फुसफुसाती आवाज़ आई:
"अब भी अधूरी हूँ..."
Candle Light Girl केवल एक डरावनी आत्मा की कहानी नहीं, बल्कि उन अधूरी आत्माओं का प्रतीक है जो अन्याय की शिकार होती हैं। रहस्य, डर, और एक दर्दनाक इतिहास — ये कहानी आपके ज़हन में देर तक रहेगी।