वही हाथ, वही गिफ्ट
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रिया सेन – 28 साल की आर्टिस्ट, जो अकेले रहती है।
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राजीव मेहरा – 32 साल का रिया का बॉयफ्रेंड, एक रहस्यमयी अतीत वाला इंसान।
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इंस्पेक्टर सुमित राणा – क्राइम ब्रांच का तेज़-तर्रार अफसर।
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अनाम व्यक्ति – एक कटा हुआ हाथ… और एक डिब्बा।
कहानी शुरू होती है…
"डिंग-डॉन्ग…"
शाम के 7 बजे थे। रिया अपनी बालकनी में बैठकर स्केचिंग कर रही थी। तभी दरवाज़े की घंटी बजी। उसने सोचा शायद राजीव आया होगा, लेकिन दरवाज़ा खोलने पर वहां कोई नहीं था – सिर्फ एक छोटा सा गिफ्ट बॉक्स रखा था।
उसने धीरे से वो बॉक्स उठाया और भीतर ले आई। बॉक्स के ऊपर उसका नाम लिखा था – "रिया सेन – तुम्हारे लिए एक तोहफ़ा**"।
थोड़ा मुस्कराते हुए उसने बॉक्स खोला… लेकिन अगले ही पल उसकी चीख निकल गई!
बॉक्स के अंदर एक इंसानी हाथ था – खून से लथपथ, उंगलियों में अंगूठी, और कलाई पर एक टैटू – "R❤️R"।
रिया काँप उठी। ये वही टैटू था जो उसने और राजीव ने एक साल पहले एक-दूसरे के नाम के पहले अक्षर के रूप में बनवाया था।
एक साल पहले…
राजीव और रिया का रिश्ता बहुत गहरा था, लेकिन अचानक एक दिन राजीव बिना बताए गायब हो गया। कोई मैसेज नहीं, कॉल नहीं। पुलिस ने खोजबीन की लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। रिया ने उसे मृत मान लिया, लेकिन दिल से कभी भूली नहीं।
इसी बीच पुलिस आती है…
रिया ने तुरंत पुलिस को फोन किया। इंस्पेक्टर सुमित राणा केस की कमान संभालते हैं। वे बॉक्स को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजते हैं और हाथ की पहचान करवाते हैं।
रिपोर्ट आई – हाथ राजीव का ही था।
रिया सदमे में थी।
इंस्पेक्टर राणा ने उससे पूछताछ की –
“क्या आपके राजीव से आखिरी दिनों में कोई दुश्मनी हुई थी? कोई जोड़ा, दोस्त या दुश्मन जो उसका नुकसान चाहता हो?”
रिया सिर्फ एक ही नाम दोहरा पाई – "अदिति"।
अदिति कौन थी?
अदिति – राजीव की एक्स-गर्लफ्रेंड। एक जुनूनी प्रेमिका जो रिया और राजीव को साथ देखकर पागल हो उठी थी। राजीव ने उससे रिश्ता खत्म कर लिया था, लेकिन अदिति ने एक बार रिया को धमकाया भी था –
"अगर वो मेरा नहीं हो सकता, तो किसी का नहीं होगा।"
लेकिन कहानी में मोड़ तब आया…
फॉरेंसिक रिपोर्ट में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया – वो हाथ हाल ही में कटा गया था, जबकि राजीव एक साल पहले गायब हुआ था।
इंस्पेक्टर राणा ने गहराई से जांच शुरू की और शहर के एक पुराने फार्महाउस तक पहुंचे, जहाँ उन्हें एक तहखाना मिला… और वहां एक आदमी जिंदा बंद था – राजीव!
सच क्या था?
असल में अदिति ने राजीव को किडनैप कर लिया था और एक साल से उसे बंधक बनाकर रख रही थी। जब राजीव ने भागने की कोशिश की, तो उसने उसका हाथ काट दिया – और उस हाथ को भेजा रिया के नाम – "गिफ्ट" के तौर पर।
अदिति का मकसद था रिया को पागल कर देना और खुद को निर्दोष दिखाना। लेकिन पुलिस ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया।
अंतिम मोड़
राजीव को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। उसका हाथ नहीं बचाया जा सका, लेकिन वो जिंदा था। अदिति को गिरफ्तार कर लिया गया।
रिया उस दिन को कभी नहीं भूल सकी –
एक कटा हुआ हाथ,
एक पुराना प्यार,
और
एक पागलपन भरा गिफ्ट,
जो मौत से थोड़ा पहले... प्यार से थोड़ा दूर था।
✍️ इस कहानी से क्या सीख मिलती है?
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जुनून जब हद से गुजर जाए, तो वो प्यार नहीं पागलपन बन जाता है।
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हर रहस्य के पीछे एक डरावना सच छिपा होता है, जिसे जानने की हिम्मत बहुत कम लोगों में होती है।
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और सबसे अहम…
प्यार अगर ज़िंदा है, तो वो किसी कटी हुई चीज़ से खत्म नहीं होता।
Mast hai re baba
ReplyDeleteGreat 👍
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